Jac board class 9 social science set 2 Solutions 2022,Class 9 sst set 2 model paper Solutions|Jac board class 9 sst set 2

jac board class 9th sst set 2 solutions 2022


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 खण्ड- अ अतिलघुउत्तरीय प्रश्न

1. नात्सी पार्टी का संस्थापक कौन था?

Who was the founder of the Nazi Party?

Ans:- हिटलर (Hitler)

2. झूम या घुमंतू खेती किसे कहते हैं?

What is called jhum or nomadic farming?

Ans:-झूम कृषि (slash-and-burn farming) एक आदिम प्रकार की कृषि है जिसमें पहले वृक्षों तथा वनस्पतियों को काटकर उन्हें जला दिया जाता है और साफ की गई भूमि को पुराने उपकरणों (लकड़ी के हलों आदि) से जुताई करके बीज बो दिये जाते हैं। फसल पूर्णतः प्रकृति पर निर्भर होती है और उत्पादन बहुत कम हो पाता है।

In South East Asia Jhumming or nomadic farming is known as​ shifting agriculture. Explanation: Shifting farming is an agricultural method in which parts of land are temporarily cultivated, left and allowed to return to their natural greenery/vegetation while the grower moves to another parcel.


3. निर्धनता की परिभाषा लिखें।

Write the definition of poverty.

Ans:-निर्धनता ऐसी दशा को कहते हैं जिससे हर एक व्यक्ति बचना चाहता है। जो अपने जीवन की न्यूनतम आवश्यकताएं भी पूरी नहीं कर सकता।

Poverty is a condition that everyone wants to avoid. Who cannot fulfill even the minimum necessities of his life.


4. भुखमरी से आप क्या समझते हैं?

What do you mean by hunger?

Ans:-विटामिन, पोषक तत्वों और ऊर्जा अंतर्ग्रहण की गंभीर कमी को भुखमरी कहते हैं। यह कुपोषण का सबसे चरम रूप है। अधिक समय तक भुखमरी के कारण शरीर के कुछ अंग स्थायी रूप से नष्ट हो सकते हैं और अंततः मृत्यु भी हो सकती है। अपक्षय शब्द भुखमरी के लक्षणों और प्रभाव की ओर संकेत करता है।

Starvation is a severe deficiency of vitamins, nutrients and energy intake. It is the most extreme form of malnutrition. Due to prolonged starvation, some parts of the body can be permanently destroyed and eventually death can also occur. The term weathering refers to the symptoms and effects of starvation.


5. भारतीय संविधान के द्वारा नागरिकों को कितने प्रकार के मौलिक अधिकार प्राप्त है? How many types of fundamental rights are available to the citizens by the Indian Constitution ?


Ans:-भारतीय संविधान ने निम्नांकित अधिकार नागरिकों को दे रखे हैं---

(क) समता या समानता का अधिकार- यह अधिकार बड़ा महत्त्वपूर्ण है। भारत में जाति, लिंग, जन्म स्थान तथा वर्ग आदि का भेदभाव किए बिना सबको समानता का अधिकार दिया गया है। हमारे जैसे विषमताओं, वाले देश में इस अधिकार का बड़ा महत्व है।

(ख) स्वतंत्रता का अधिकार- यह अधिकार भी अपना विशेष महत्त्व रखता है। भारत में नागरिकों को भाषण देने की. समुदाय बनाने की आवागमन की, निवास करने आदि की पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त है।

(ग) शिक्षा एवं संस्कृति का अधिकार- भारत में प्रत्येक नागरिक को अपनी भाषा एवं संस्कृति का विकास करने की पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त है।

(घ) धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार- भारत एक धर्म-निरपेक्ष राज्य है अतः हर नागरिक को किसी धर्म का अनुसरण करने का अधिकार है।

(ङ) शोषण के विरुद्ध अधिकार- भारतीय संविधान के अनुसार कोई भी व्यक्ति किसी दूसरे का शोषण नहीं कर सकता। यहाँ बेगार लेने, 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को कारखाने में रखने, स्त्रियों और बच्चों को खरीदने-बेचने आदि की मनाही है।

(च) संवैधानिक उपचारों का अधिकार- भारत में कोई भी नागरिक अपने अधिकारों की रक्षा के लिए किसी भी न्यायालय की शरण ले सकता है।

The list of fundamental rights are:

right to equality

right to freedom

right against exploitation

right to freedom of religion

cultural and educational rights

right to constitutional remedies


6. आदर्श आचार संहिता क्या है?

what is the model code of conduct?

Ans:-भारतीय निर्वाचन आयोग की आदर्श चुनाव आचार संहिता (Model Code of Conduct) राजनीतिक दलों एवं प्रत्याशियों के लिये बनायी गयी एक नियमावली है जिसका पालन चुनाव के समय आवश्यक है। चुनाव आयोग चुनाव से पहले इसके लागू होने की घोषणा करता है और चुनाव के बाद इसके समाप्त होने की। 1. सरकार के द्वारा लोक लुभावन घोषणाएँ नही करना।

The Model Code of Conduct of the Election Commission of India is a rule made for political parties and candidates, which is necessary to follow at the time of elections. The Election Commission announces its implementation before the election and its termination after the election. 1. Not making public lucrative announcements by the government.


7. प्राकृतिक वनस्पति का क्या अर्थ है?

What is meant by natural vegetation?

Ans:-प्राकृतिक वनस्पति से तात्पर्य उन पौधों से है जो मानव की सहायता के बिना स्वयंमेव वन्य अथवा प्राकृतिक अवस्था में उगते हैं।

Natural vegetation refers to those plants that grow on their own in a wild or natural state without the help of humans.


8. नात्सीवाद की मुख्य विशेषताएँ क्या थीं? What were the main features of Nazism?

Answer: नाज़ीवाद जर्मन तानाशाह एडोल्फ़ हिटलर की विचार धारा थी। कट्टर जर्मन राष्ट्रवाद, देशप्रेम, विदेशी विरोधी, आर्य और जर्मन हित इस विचार धारा के मूल अंग है। नाज़ी यहुदियों से सख़्त नफ़रत करते थें और यूरोप और जर्मनी में हर बुराई के लिये उन्हें ही दोषी मानते थे

Nazism was the ideology of German dictator Adolf Hitler. Radical German nationalism, patriotism, anti-foreigners, Aryans and German interests are the core parts of this ideology. The Nazis strongly hated the Jews and blamed them for every evil in Europe and Germany.


खण्ड-ब- लघुउत्तरीय प्रश्न

9 वनों का जीविका से किस प्रकार का संबंध है?. What is the relation of forests with livelihood?

Answer:-परंपरागत रूप से, वन प्रबंधन प्रथाओं का उद्देश्य प्राकृतिक वनों के सुरक्षात्मक और उत्पादक पहलुओं को विकसित करना और समझना है। जैविक, तकनीकी और वृहद-आर्थिक विचारों को अधिभावी प्राथमिकता मिली। इस प्रक्रिया में, लोगों की आजीविका के मुद्दों को द्वितीयक स्थिति में ले जाया गया और संसाधनों की सुरक्षा में लोगों की भूमिका और उनकी सक्रिय भागीदारी को एक द्वितीयक स्थान पर ले जाया गया। हाल ही में वनों और वानिकी की सामाजिक भूमिका के साथ-साथ उनकी सुरक्षा और उत्पादन भूमिकाओं पर ध्यान दिया गया है।

आखिरकार, वानिकी लोगों के बारे में है। यह केवल पेड़ों के बारे में है जहां तक ​​पेड़ लोगों की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं (वेस्टोबी 1989)। वानिकी और वन नीति को हर बोधगम्य तरीके से खुद को चिंतित करना चाहिए, जिसमें वन, लकड़ी की लूट और पेड़ विशेष रूप से लोगों की आजीविका और सामान्य रूप से मानव कल्याण में योगदान कर सकते हैं। वास्तव में मानव समाज का भविष्य जंगल के भविष्य से आंतरिक रूप से जुड़ा हुआ है।

Traditionally, forest management practices have aimed to develop and understand the protective and productive aspects of natural forests. Organic, technological and macro-economic considerations took overriding priority. In the process, the issues of livelihood of the people were taken to a secondary position and the role of the people and their active participation in the protection of resources was taken to a secondary position.


10. निर्धनता रेखा में समय और स्थान के साथ परिवर्तन होता है, उदाहरण के साथ कथन का समर्थन करे। Poverty line may vary with time and place'. support the statement with an example

Ans:-भारत में वर्ष 1947 में 70 प्रतिशत लोग गरीबी की रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे थे, अब वर्ष 2020 में देश की कुल आबादी का लगभग 22 प्रतिशत हिस्सा गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहा है। 1947 में देश की आबादी 35 करोड़ थी, जो आज बढ़कर 136 करोड़ हो गई है। देश में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे लोगों की आय में वृद्धि के साथ-साथ केंद्र सरकार द्वारा वित्तीय समावेशन को सफलतापूर्वक लागू किए जाने के कारण गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों की संख्या में भारी कमी देखने में आई है। पूरे विश्व में ही गरीबी रेखा को परिभाषित करने का एक लंबा इतिहास रहा है।परंतु, भारत उन अग्रणी देशों में रहा है, जिन्होंने गरीबी की रेखा को सबसे पहले परिभाषित किया था। वर्ष 1960 से ही भारत एवं विश्व बैंक की इस संबंध में आपस में चर्चा चलती आई है, और भारत द्वारा गरीबी रेखा की जो परिभाषा विकसित की गई थी, उसी के इर्द गिर्द विश्व बैंक ने भी एक डॉलर प्रतिदिन प्रति व्यक्ति की आय को गरीबी रेखा के रूप में परिभाषित किया था, जो बाद में बढ़ते-बढ़ते दो डॉलर प्रतिदिन प्रति व्यक्ति आय तक पहुंच गई। इस प्रकार, विश्व बैंक ने समय-समय पर गरीबी रेखा की परिभाषा में सुधार किया है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि विभिन देशों के निवासियों द्वारा उपभोग की जाने वाली वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि होने से उनकी आय में वृद्धि होते रहना आवश्यक है।


11. कौन लोग खाद्य असुरक्षा से अधिक ग्रस्त हो सकते हैं?

What type of people can be more food insecure?

Ans:-निम्न लोग खाद्य असुरक्षा से अधिक ग्रस्त हैं:

(i) अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ी जातियों के कुछ वर्गों (इनमें से निचली जातियाँ) का या तो भूमि का आधार कमज़ोर होता है या फिर उनकी भूमि की उत्पादकता बहुत कम होती है, वे खाद्य की दृष्टि से शीघ्र असुरक्षित हो जाते है। 

(ii) वे लोग भी खाद्य की दृष्टि से सर्वाधिक असुरक्षित होते हैं, जो प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित हैं और जिन्हें काम की तलाश में दूसरी जगह जाना पड़ता हैं।

(iii) खाद्य असुरक्षा से ग्रस्त आबादी का बड़ा भाग गर्भवती तथा दूध • पीला रही महिलाओं तथा पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों का हैं।

The following people are more prone to food insecurity:

(i) Some sections of the Scheduled Castes, Scheduled Tribes and Other Backward Castes (of these lower castes) either have a weak land base or their land productivity is very low, they quickly become insecure from the point of view of food. Is.

(ii) Those people are also most insecure from the point of view of food, who are affected by natural calamities and who have to move elsewhere in search of work.

iii) The majority of the population suffering from food insecurity consists of pregnant and lactating women and children below five years of age.

12. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के बारे में बताएं।

Explain about National Human Rights Commission.

Ans:-राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोगः

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग एक सांविधिक निकाय है इसका गठन मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 के तहत किया गया था। मानवाधिकारो के प्रहरी के रूप में NHRC कार्य करता है। यह आयोग एक बहुसदस्यीय संस्था है जिसमें एक अध्यक्ष व सात अन्य सदस्य होते है। इनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री के नेतृत्व में गठित छह सदस्यीय समिति की सिफारिश पर होती है समिति में प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा के उपसभापति संसद के दोनों विपक्ष नेता व केन्द्रीय गृहमंत्री होते है।


राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के कार्य निम्नलिखित है-

* मानवाधिकार के उल्लंघन के संबंध में याचिका प्राप्त करने के उपरांत या स्वतः संज्ञान के आधार पर अन्वेषण करना।

* मानवाधिकारो के उल्लंघन संबंधित किसी भी आरोप की न्यायिक कार्यवाही में हस्तक्षेप कर सकता हे।

* मानवाधिकार की रक्षा हेतु बनाए गए कानून व संवैधानिक उपबंधो की समीक्षा करना।

* राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को दीवानी न्यायालय की शक्तियाँ प्राप्त है और यह अंतरिम राहत प्रदान कर सकता है।


The National Human Rights Commission is a statutory body constituted under the Protection of Human Rights Act 1993. The NHRC acts as the watchdog of human rights. This commission is a multi-member body consisting of a chairman and seven other members. They are appointed by the President on the recommendation of a six-member committee constituted under the leadership of the Prime Minister, the committee consists of the Prime Minister, the Speaker of the Lok Sabha, the Deputy Speaker of the Rajya Sabha, both the opposition leaders of the Parliament and the Union Home Minister.


Following are the functions of National Human Rights Commission-

* Investigating on the basis of suo moto or after receipt of petition in respect of violation of human rights.

* Can interfere with the judicial proceedings of any allegation related to violation of human rights.

* To review the laws and constitutional provisions made to protect human rights.

The National Human Rights Commission has the powers of a civil court and can grant interim relief.

13. भारत में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव की क्या क्या चुनौतियाँ हैं? What are the challenges of free and fair elections in India?

Ans:-स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए चुनौतियां

भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों की चुनौतियों में शामिल हैं:

(I) उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों की धन शक्ति

(ii) राजनीतिक मैदान में प्रवेश करने वाले आपराधिक तत्व

(iii) पारिवारिक राजनीति

(iv) नीतियों और व्यवहार में पार्टियों की समानता

(v) नुकसान छोटे दल और निर्दलीय उम्मीदवार।


Challenges to free and fair elections

The challenges of free and fair elections in India include:

(I) Money power of candidates and political parties

(ii) Criminal elements entering the political arena

(iii) Family Politics

(iv) Equality of parties in policies and practices

(v) Disadvantages Small parties and independent candidates.

14. भारत में वर्षा कि मात्रा पूर्व से पश्चिम की ओर घटती जाती है। क्यों? The amount of rainfall in India decreases from east to west. Why?

Ans:-उत्तर भारत में पूर्व से पश्चिम की ओर वर्षा की मात्रा इसलिए घटती जाती है क्योंकि बंगाल की खाड़ी से मानसून भारत में सबसे पहले उत्तर पूर्व में प्रवेश करती है। ऊंचे हिमालय पर्वत इन्हें आगे नहीं जाने देते । वाष्प से भरी होने के कारण पवनों की यह शाखा इस भाग में खूब वर्षा करती है। इसके बाद यह हिमालय के साथ साथ पूर्व से पश्चिम की ओर बढ़ने लगती है। जैसे-जैसे यह आगे बढ़ती है, इसमें वाष्प की मात्रा कम होती जाती है । इसके परिणामस्वरूप उत्तरी भारत में पूर्व से पश्चिम की ओर जाते हुए वर्षा की मात्रा कम होती जाती है।

The amount of rainfall decreases from east to west in North India because the monsoon enters India first in the northeast from the Bay of Bengal. The high Himalayan mountains do not allow them to go further.Due to being filled with vapour, this branch of winds brings a lot of rain in this part. After this it starts moving from east to west along with the Himalayas. As it progresses, the amount of vapor in it decreases. As a result, the amount of rainfall decreases from east to west in northern India.


खण्ड-स- दीर्घउत्तरीय प्रश्न

15. नात्सियों ने जनता पर पूरा नियंत्रण हासिल करने के लिए कौन-कौन से तरीके अपनाएँ? What methods did the Nazis adopt to gain complete control over the people?

उत्तर:

हिटलर ने 1933 ई. में जर्मनी का तानाशाह बनने के बाद शासन की समस्त शक्तियों पर अधिकार कर लिया। उसने एक शक्तिशाली केन्द्रीय सरकार का गठन किया। उसने लोकतांत्रिक विचारों को हासिए पर डाल दिया। उसने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर पूर्णतः प्रतिबन्ध लगा दिया।

नात्सियों ने जनता पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए निम्न तरीके अपनाए-

(i) जनसंचार माध्यमों का उपयोग- शासन के लिए समर्थन हासिल करने और नात्सी विश्व दृष्टिकोण को फैलाने के लिए मीडिया का बहुत सोच-समझ कर इस्तेमाल किया गया। नात्सी विचारों को फैलाने के लिए तस्वीरों, फिल्मों, रेडियो, पोस्टरों, आकर्षक नारों और इश्तहारी पर्यों का खूब सहारा लिया जाता था। नात्सीवाद ने लोगों के दिलोदिमाग पर गहरा असर डाला, उनकी भावनाओं को भड़का कर उनके गुस्से और नफरत को ‘अवांछितों पर केन्द्रित कर दिया। इसी अभियान से नासीवाद को सामाजिक आधार पैदा हुआ।

ii) युंगफोक- युंगफोक 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों का नात्सी युवा संगठन था। 10 साल की उम्र के बच्चों का युंगफोक में दाखिला करा दिया जाता था। 14 साल की उम्र में सभी लड़कों को नात्सियों के युवा संगठन हिटलर यूथ की सदस्यता लेनी पड़ती थी। इस संगठन में वे युद्ध की उपासना, आक्रामकता व हिंसा, लोकतंत्र की निंदा और यहूदियों, कम्युनिस्टों, जिप्सियों व अन्य ‘अवांछितों से घृणा को सबक सीखते थे। गहन विचारधारात्मक और शारीरिक प्रशिक्षण के बाद लगभग 18 साल की उम्र में वे लेबर सर्विस (श्रम सेवा) में शामिल हो जाते थे। इसके

बाद उन्हें सेना में काम करना पड़ता था और किसी नासी संगठन की सदस्यता लेनी पड़ती थी।

(iii) विशेष निगरानी एवं सुरक्षा दस्तों का गठन- पूरे समाज को नात्सियों के हिसाब से नियंत्रित और व्यवस्थित करने के लिए विशेष निगरानी और सुरक्षा दस्ते गठित किए गए। पहले से मौजूद हरी वर्दीधारी पुलिस और स्टॉर्म टूपर्स (एस.ए.) के अलावा गेस्टापो (गुप्तचर राज्य पुलिस), एस.एस. (अपराध नियंत्रण पुलिस) और सुरक्षा सेवा (एस.डी.) का भी गठन किया गया। इन नवगठित दस्तों को बेहिसाब असंवैधानिक अधिकार दिए गए और इन्हीं की वजह से नात्सी राज्य को एक बूंखार आपराधिक राज्य की छवि प्राप्त हुई। गेस्टापो के यंत्रणा गृहों में किसी को भी बंद किया जा सकता था। ये नए दस्ते किसी को भी यातना गृहों में भेज सकते थे, किसी को भी बिना कानूनी कार्रवाई के देश निकाला दिया जा सकता था या गिरफ्तार किया जा सकता था। दण्ड की आशंका से मुक्त पुलिस बलों ने निरंकुश और निरपेक्ष शासन का अधिकार प्राप्त कर लिया था।

ii) युंगफोक- युंगफोक 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों का नात्सी युवा संगठन था। 10 साल की उम्र के बच्चों का युंगफोक में दाखिला करा दिया जाता था। 14 साल की उम्र में सभी लड़कों को नात्सियों के युवा संगठन हिटलर यूथ की सदस्यता लेनी पड़ती थी। इस संगठन में वे युद्ध की उपासना, आक्रामकता व हिंसा, लोकतंत्र की निंदा और यहूदियों, कम्युनिस्टों, जिप्सियों व अन्य ‘अवांछितों से घृणा को सबक सीखते थे। गहन विचारधारात्मक और शारीरिक प्रशिक्षण के बाद लगभग 18 साल की उम्र में वे लेबर सर्विस (श्रम सेवा) में शामिल हो जाते थे। इसके बाद उन्हें सेना में काम करना पड़ता था और किसी नासी संगठन की सदस्यता लेनी पड़ती थी।

(iii) विशेष निगरानी एवं सुरक्षा दस्तों का गठन- पूरे समाज को नात्सियों के हिसाब से नियंत्रित और व्यवस्थित करने के लिए विशेष निगरानी और सुरक्षा दस्ते गठित किए गए। पहले से मौजूद हरी वर्दीधारी पुलिस और स्टॉर्म टूपर्स (एस.ए.) के अलावा गेस्टापो (गुप्तचर राज्य पुलिस), एस.एस. (अपराध नियंत्रण पुलिस) और सुरक्षा सेवा (एस.डी.) का भी गठन किया गया। इन नवगठित दस्तों को बेहिसाब असंवैधानिक अधिकार दिए गए और इन्हीं की वजह से नात्सी राज्य को एक बूंखार आपराधिक राज्य की छवि प्राप्त हुई। गेस्टापो के यंत्रणा गृहों में किसी को भी बंद किया जा सकता था। ये नए दस्ते किसी को भी यातना गृहों में भेज सकते थे, किसी को भी बिना कानूनी कार्रवाई के देश निकाला दिया जा सकता था या गिरफ्तार किया जा सकता था। दण्ड की आशंका से मुक्त पुलिस बलों ने निरंकुश और निरपेक्ष शासन का अधिकार प्राप्त कर लिया था।


16. निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखें: क) न्यूनतम समर्थित कीमत ख) बफर स्टॉक (ग) निर्गम कीमत

Ans:क)-न्यूनतम समर्थित कीमत: जब भारतीय खाद्य निगम अधिशेष उत्पादन वाले राज्यों में किसानों से गेहूँ और चावल खरीदता है तब किसानों को उनकी फसल के लिए पहले से घोषित कीमतें दी जाती हैं। इस मूल्य को • न्यूनतम समर्थित कीमत कहा जाता है।

ख्)बफर स्टॉक:-बफर स्टॉक एक व्यवस्था अथवा योजना है जिसमें अच्छी फसल होने के दौरान उसका भंडारण कर लिया जाता है, ताकि फसलों का मूल्य निर्धारित न्यूनतम सीमा से कम न हो और इसे उस समय उपलब्ध कराया जाता है जब फसल अच्छी नहीं होती तथा मूल्यों वृद्धि होने की संभावना बनी रहती है। बफर स्टॉक को केंद्रीय पूल भी कहा जाता हैं।

ग)निर्गम कीमत: जब सरकार द्वारा कमी वाले क्षेत्रों में और समाज के गरीब वर्गों में बाज़ार कीमत से कम कीमत पर अनाज का वितरण किया जाता है तब उस कीमत को निर्गम कीमत कहते है।

A)-Minimum Support Price: When FCI buys wheat and rice from farmers in surplus producing states, the farmers are given pre-announced prices for their crops. This price is called the • Minimum Support Price.

B)Buffer stock:- Buffer stock is an arrangement or scheme in which it is stored during the time of good harvest, so that the value of crops does not fall below the prescribed minimum limit and it is made available at the time when the crop is not good and the prices The potential for growth remains. The buffer stock is also called the central pool.

C) Issue price: When food grains are distributed by the government to the poor areas and poor sections of the society at a price less than the market price, then that price is called issue price.


18. शीत ऋतु कि अवस्था एवं उनकी विशेषताएं बताएं। Describe the stages of winter season and their characteristics.

Ans:-शीत ऋतु की जलवायु की स्थितिः

(i) दिन गर्म और राते ठंडी होती है।

(ii) शीत ऋतु नवंबर से आरंभ होकर फरवरी तक रहती है। (iii) सहित ऋतू में तापमान दक्षिण से उत्तर की ओर बढ़ने पर घटता जाता है।

(iv) भारत में उत्तर-पूर्वी व्यापारिक पवनें प्रभावित होती है इनके कारण कुछ मात्रा में वर्षा तमिलनाडु के तट पर होती है।

(v) शीत ऋतु में आसमान साफ, तापमान तथा आर्द्रता कम और पवनें शिथिल तथा परिवर्तित होती है। 

(vi) यह कम दाब वाली प्रणाली भू-मध्यसागर के ऊपर उत्पन्न होती है तथा पश्चिम सपनों के साथ भारत में प्रवेश करती है। परिणामस्वरूप शीतकाल में वर्षा होती है तथा पर्वतो पर हिमपात होता है।


Winter climate conditions:

(i) Days are hot and nights are cold.

(ii) Winter season starts from November and lasts till February. (iii) The temperature decreases from south to north during the season.

(iv) North-east trade winds are affected in India, due to which some amount of rain falls on the Tamil Nadu coast.

(v) In winter, the skies are clear, the temperature and humidity are low and the winds are relaxed and changed.

(vi) This low pressure system originates over the Mediterranean Sea and enters India with the Western Dreams. As a result, it rains in winter and snow falls on the mountains.


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