jac board class 9th social science set 1 term 2 model paper solutions |
1. जर्मन संसद का क्या नाम था ?
उत्तर्-Bundestag - बुंडेस्टैग
2.वैज्ञानिक वानिकी से क्या अभिप्राय है?
उत्तर्-वैज्ञानिक वानिकी वानिकी : वन विभाग द्वारा पेड़ों की कटाई जिसमें पुराने पेड़ काट कर
उनकी जगह नए पेड़ लगाए जाते हैं।
3. निर्धनता के किन्हीं दो मुख्य आयामों
को लिखें।
उत्तर-सामाजिक कारण कारण
आर्थिक कारण
अपर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएँ एवं जनांकिकी कारण
अशिक्षा
जनसंख्या वृद्धि
लघु-कुटीर एवं बड़े उद्योगों की कमी
प्राकृतिक कारण
4. सरकार बफर स्टॉक का निर्माण क्यों करती
है?
उत्तर -ब़फर स्टॉक बनाए जाने का अन्य मुख्य उद्देश्य आपदा या अकाल के
समय खाद्यान्नों की कमी वाले राज्यों में खाद्यान्न उपलब्ध करवाना है।
5. अधिकार से आप क्या समझते हैं?
उत्तर -किसी वस्तु को प्राप्त करने या किसी कार्य को संपादित करने के
लिए उपलब्ध कराया गया किसी व्यक्ति की कानूनसम्मत संविदासम्मत सुविधा, दावा विशेषाधिकार है। कानून
द्वारा प्रदत्त सुविधाएँ अधिकारों की रक्षा करती हैं। दोनों का अस्तित्व एक-दूसरे
के बिना संभव नहीं।
6. मतदाता सूची क्या है?
उत्तर:- एक लोकतांत्रिक चुनाव में मतदान के योग्य लोगों की सूची चुनाव
से काफी पहले तैयार की जाती है। इस सूची को आधिकारिक तौर पर मतदाता सूची कहा जाता
है और इसे आमतौर पर मतदाता सूची के रूप में जाना जाता है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है
क्योंकि यह लोकतांत्रिक चुनाव की पहली शर्त से जुड़ा है। सभी को प्रतिनिधि चुनने
का समान अवसर मिलना चाहिए। हर कोई उन निर्णयों में समान रूप से कहने का हकदार है
जो उन्हें प्रभावित करते हैं।मतदाता सूची को आम तौर पर हर साल उन लोगों के नाम
जोड़ने के लिए संशोधित किया जाता है जो उस वर्ष की पहली जनवरी को 18 वर्ष के हो जाते हैं या एक निर्वाचन
क्षेत्र में चले गए हैं और उन लोगों के नाम हटा दिए गए हैं जिनकी मृत्यु हो गई है
या एक निर्वाचन क्षेत्र से बाहर चले गए हैं।
7. भारत में किस प्रकार कि जलवायु पाई
जाती है?
उत्तर:-किसी क्षेत्र में लंबे समय तक जो मौसम की स्थिति होती है, उसे उस स्थान की जलवायु या क्लाइमेट
कहते हैं. भारत की जलवायु उष्णकटिबंधीय मानसूनी जलवायु है.
8 जर्मनी में नाजीवाद के उदय के क्या
कारण थे?
उत्तर:-जर्मनी के नागरिक वर्साय की सन्धि को अत्यन्त कठोर, अन्यायपूर्ण एवं अपमानजनक मानते थे।
मित्र राष्ट्रों ने वर्साय की सन्धि के माध्यम से जर्मनी को सैनिक, आर्थिक और राजनीतिक दृष्टि से
बिल्कुल पंगु बनाने का भरसक प्रयास किया जिसके परिणामस्वरूप जर्मन लोगों में तीव्र
आक्रोश था। वर्साय की सन्धि की अपमानजनक शर्तों ने जर्मन लोगों की राष्ट्रीय भावना
को प्रबल आघात पहुँचाया था। वे वर्साय की सन्धि के कलंक को धोने के लिए और इसे
निरस्त कराने के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर देने के लिए तैयार थे। हिटलर ने इस
स्थिति का लाभ उठाया और वर्साय की सन्धि को निरस्त कराने का आश्वासन दिया। उसने
अपनी पुस्तक 'मीन केम्फ' (मेरा संघर्ष) में लिखा था कि, "वर्साय की सन्धि द्वारा 6 करोड़ व्यक्तियों के दिमागों में
लज्जा और घृणा के इतने भाव भर दिये जायें कि समस्त राष्ट्र ज्वालाओं का अग्नि-सागर
बन जाये तथा उससे यही जयघोष निकले कि हम पुनः हथियार उठायेंगे।" इस प्रकार
नाजीदल के "वर्साय की सन्धि का अन्त हो", "हम पुनः हथियार उठायेंगे" आदि
के नारों ने लाखों जर्मन लोगों का समर्थन प्राप्त कर लिया।
9. बस्तर के लोगों ने अंग्रेजों के
विरुद्ध विद्रोह क्यों किया?
उत्तर:-बस्तर में आदिवासियों ने ब्रिटिश शासन के विरूद्ध 1859 में साल के वृक्षों को बचाने के
लिये व्रिदोह किया था जिसे कोई विद्रोह के नाम से जाना जाता है। बस्तर में आदिवासी
जनजीवन पूर्णतः वनो एवं उससे मिलने वाले वनोपज पर ही आधारित है। वन और आदिवासियों
का अटूट गठबंधन हजारो साल पुराना है।
10. भारत में निर्धनता रेखा का आकलन किस
प्रकार किया जाता है?
उत्तर:-भारत में निर्धनता रेखा का आकलन निम्न प्रकार से किया जाता है -
(i)
निर्धनता के आकलन के लिए एक
सर्वमान्य सामान्य विधि आय अथवा उपभोग स्तरों पर आधारित है। किसी व्यक्ति को
निर्धन माना जाता है, यदि उसकी आय या उपभोग स्तर किसी को न्यूनतम स्तर' से नीचे गिर जाये जो मूल आवश्यकताओं
के एक दिए हुए समूह को पूर्ण करने के लिए आवश्यक है।
(2)
भारत में निर्धनता रेखा का
निर्धारण करते समय जीवन निर्वाह के लिए खाद्य आवश्यकता, कपड़ों, जूतों, ईंधन और प्रकाश, शैक्षिक एवं चिकित्सा सम्बन्धी आवश्यकताओं आदि पर विचार
किया जाता है।
(3)
निर्धनता रेखा का आकलन करते
समय खाद्य आवश्यकता के लिए वर्तमान सूत्र वांछित कैलोरी आवश्यकताओं पर भी आधारित
हैं। भारत में सवीकृत कैलोरी आवश्यकता ग्रामीण क्षेत्रों में 2400 कैलोरी प्रतिव्यक्ति प्रति दिन एवं
नगरीय क्षेत्रों में 2100 कैलोरी प्रतिव्यक्ति प्रति दिन है।उदाहरण स्वरुप वर्ष 2000 में किसी व्यक्ति के लिए निर्धनता
रेखा का निर्धारण ग्रामीण क्षेत्रों में ₹454 प्रतिमाह किया गया था।
11. भारतीय खाद्य निगम (FCI) किसानों से अनाज कैसे खरीदती है?
उत्तर:-केंद्रीय सरकार देश भर में भारतीय खाद्य निगम और राज्य
एजेंसियों के जरिए धान और गेहूं को मूल्य समर्थन प्रदान करती है। गेहूं तथा चावल
से संबंधित खरीद नीति खुली है । इस नीति के अधीन भारत सरकार द्वारा निर्धारित
समयावधि के भीतर तथा निर्धारित विनिर्दिष्टियों के अनुरूप किसानों द्वारा जितना
भी गेहूं और चावल लाया जाता है, उसे केंद्रीय पूल के लिए भारतीय खाद्य निगम सहित राज्य सरकार की
एजेंसियों द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद लिया जाता है। किसानो को न्यूनतम
समर्थन मूल्य की तुलना में बेहतर मूल्य मिलने पर वे अपनी उपज को खुले बाजार में
अर्थात निजी व्यापारियों को बेचने के लिए स्वतंत्र होते हैं | सरकारी एजेंसियों द्वारा खाद्यान्नों
की खरीद करने का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसानों को उनकी उपज के लिए
लाभकारी मूल्य मिले और उन्हें मजबूरी में बिक्री न करनी पड़े । इसका लक्ष्य राष्ट्रीय
खाद्य सुरक्षा अधिनियम तथा अन्य कल्याणकारी स्कीमों के अंतर्गत जरूरतमंद लोगों
को सब्सिडाइज्ड दर पर अनाज की आपूर्ति सुनिश्चित करना तथा खाद्यान सुरक्षा हेतु
अनाज का बफर स्टॉक तैयार करना है |
इसके अलावा, राज्य सरकारों द्वारा मोटे अनाज की विभिन्न जिंसों की खरीद राष्ट्रीय
खाद्य सुरक्षा अधिनियम तथा अन्य कल्याणकारी स्कीमों के अंतर्गत वितरण के लिए
राज्य सरकारों द्वारा अपनी आवश्यकता के अनुसार भारतीय खाद्य निगम के परामर्श से
स्वयं की जाती है ।
केंद्रीकृत खरीद प्रणाली
केंद्रीकृत खरीद प्रणाली के तहत, केन्द्रीय पूल के लिए खाद्यानों की खरीद या तो सीधे भारतीय
खाद्य निगम द्वारा की जाती है या राज्य एजेंसियां खाद्यानों की खरीद कर भंडारण
तथा भारत सरकार द्वारा आवंटन के अनुसार उसी राज्य मे निर्गत करने हेतु या अधिशेष
स्टॉक को अन्य राज्यों मे परिचालन हेतु भारतीय खाद्य निगम को सुपुर्द कर देती हैं | भारतीय खाद्य निगम को राज्य
एजेंसियों द्वारा स्टॉक सुपुर्द किए जाने के बाद उनके द्वारा खरीदे गए खाद्यानों
की लागत की प्रतिपूर्ति भारत सरकार द्वारा जारी किए गए लागत पत्रक के अनुसार
भारतीय खाद्य निगम के द्वारा की जाती है |
12. चुनाव को लोकतान्त्रिक मानने का
विभिन्न आधार क्या है?
उत्तर:-चुनाव लोकतंत्र का आधार है: चुनाव के बिना लोकतंत्र की
परिकल्पना भी नही की जा सकती है, एक तरह से लोकतंत्र और चुनाव को एक-दूसरे का पूरक माना जा सकता है।
चुनावों में अपने मतदान की शक्ति का प्रयोग करके एक नागरिक कई बड़े परिवर्तन ला
सकता है और इसी के कारण लोकतंत्र में प्रत्येक व्यक्ति को उन्नति का समान अवसर
प्राप्त होता है।,लोकतंत्र में चुनाव का बहुत ज्यादा महत्व है।
लोग सोचतें हैं, क्यों वोट करें? पर हम वोट देकर हम अपने देश या समाज के लिए एक सही नेता के चुनाव में
मदकर सकतें हैं। हाँ यदि आप वोट नहीं देतें हैं, तो कोई भ्रष्टाचारी नेता चुन लिया जाता है, तो कही ना कही आपकी भी गलती भी होगी।
हमें यह मौका मिलता है, कि हम सही नेता चुनाव करें। इसलिए सजग, अपने अधिकार का सदुपयोग कर, सोच समझ कर अपने वोट का उपयोग करें और आप एक जागरूक नागरिक
है, उसका परिचय दें।
13. संवैधानिक उपचार का अधिकार से आप क्या
समझते हैं?
उत्तर:-संवैधानिक उपचारों का अधिकार स्वयं में कोई अधिकार न होकर अन्य
मौलिक अधिकारों का रक्षोपाय है। इसके अंतर्गत व्यक्ति मौलिक अधिकारों के हनन की
अवस्था में न्यायालय की शरण ले सकता है। इसलिये डॉ० अंबेडकर ने अनुच्छेद 32 को संविधान का सबसे महत्त्वपूर्ण अनुच्छेद
बताया- “एक अनुच्छेद जिसके बिना संविधान अर्थहीन है, यह संविधान की आत्मा और हृदय हैं।”
14. भारत कि जलवायु को प्रभावित करने वाले
कौन कौन से कारक है?
उत्तर:-भारत की जलवायु को प्रभावित करने वाले कारक
स्थिति एवं अक्षांशीय विस्तार (Position and Latitudinal Extent) ...
समुद्र से दूरी (Distance From The Sea) ...
उत्तर पर्वतीय श्रेणियाँ (Northern Mountain Ranges) ...
स्थलाकृति (Topography) ...
मानसून पवनें (Monsoon Winds) ...
ऊपरी वायु परिसंचरण (Upper Air Circulation)
15. युद्धों से जंगल क्यों प्रभावित होते
हैं?
उत्तर -युद्धों से जंगल निम्न लिखित कारणों से प्रभावित होते हैं:(क)
युद्ध की जरूरतों को पूरा करने के लिए लकड़ी की मांग बढ़ जाती है और अधिक से अधिक
वन काटे जाते हैं।
(ख) युद्ध में विशाल वन
क्षेत्र अग्नि की भेंट चढ़ जाते हैं।
(ग) युद्ध के समय सरकारें
लकड़ी के विशाल भंडारे तथा आरा मिलों को स्वयं भी जला डालती हैं, ताकि ये संसाधन शत्रु के हाथ न लग
जाए। इसे 'स्काचर्ड अर्थ' (भस्म कर भागो) नीति कहते
हैं।इंडोनेशिया के बीच शासकों ने यही नीति अपनाई थी। वे अपने वन संसाधनों को जापान
के हाथों में जाने से रोकना चाहते थे।
16. निर्धनता को दूर करने के लिए सरकार
द्वारा शुरू किए गए किन्हीं तीन निर्धनता उन्मूलन कार्यक्रमों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:-निर्धनता को दूर करने के लिए सरकार द्वारा शुरू किए गए तीन
निर्धनता उन्मूलन कार्यक्रम निम्नलिखित है:-
(i)
राष्ट्रीय काम के बदले अनाज
कार्यक्रम: यह कार्यक्रम 2004 में देश के सबसे पिछड़े 150 जिलों में लागू किया गया था। यह कार्यक्रम उन सभी ग्रामीण
निर्धनों के लिए है, जिन्हें मज़दूरी पर रोज़गार की आवश्यकता है और जो अकुशल शारीरिक काम
करने के इच्छुक हैं।
(ii)
प्रधानमंत्री रोज़गार योजना:
इस कार्यक्रम को 1993 में आरम्भ किया गया। इसका उद्देश्य ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में
शिक्षित बेरोज़गार युवाओं के लिए स्वरोज़गार के अवसर सृजित करना है।
(ii)
ग्रामीण रोज़गार सृजन
कार्यक्रम: इस कार्यक्रम को 1995 में आरम्भ किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों और
छोटे शहरों में स्वरोज़गार के अवसर सृजित करना है। दसवीं पंचवर्षीय योजना में इस
कार्यक्रम के अंतर्गत २५ लाख नए रोज़गार के अवसर सृजित करने का लक्ष्य रखा गया।
17. भारत में चुनाव आयोग की भूमिका का
वर्णन करें।
उत्तर:-भारत का चुनाव आयोग भारत में चुनाव आयोजित करने में महत्वपूर्ण
भूमिका निभाता है। चूंकि एक लोकतांत्रिक देश में चुनाव एक प्रमुख भूमिका निभाते
हैं, इसलिए, चुनाव आयोजित करने वाली समिति की
भारत में चुनाव आयोजित करते समय कुछ जिम्मेदारियां और भूमिकाएं होती हैं। चुनाव
आयोग की कुछ प्रमुख भूमिकाएं और जिम्मेदारियां हैं:
स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव
चुनाव के आयोजन में, ई सी आई एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आयोग का सबसे महत्वपूर्ण
कार्य कानून और आदर्श आचार संहिता (माडल कोड ऑफ कन्डक्ट) का पालन करते हुए
स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना है। आदर्श आचार संहिता राजनीतिक दलों
के लिए दिशा-निर्देशों का एक समूह है जो कुछ महत्वपूर्ण निर्देश देता है कि
राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को चुनाव में खुद को कैसे संचालित करना चाहिए। चुनाव
आयोग ने पहली बार वर्ष 1971 (5वां चुनाव) में आदर्श आचार संहिता जारी की थी और तब से समय-समय पर
इसमें संशोधन (रिवाइज़) किया जाता रहा है।
यह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के हित में है कि इस तरह की संहिता की
जरूरत है। दूसरी ओर, कोड किसी विशेष कानून पर आधारित नहीं है। यह सिर्फ एक प्रेरक प्रभाव
है। इसमें वे शामिल हैं जिन्हें “चुनावी नैतिकता कानून” (इलेक्टोरल मॉरलिटी लॉज)
के रूप में जाना जाता है। हालांकि, कानूनी समर्थन की कमी आयोग को इसे लागू करने से नहीं
रोकेगी आर्टिकल 324 के तहत, इसे एक ड्राइंग फोर्स लगाने का अधिकार है।
स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए कुछ सामान्य आचार संहिता हैं:
जाति और आस्था के आधार पर कोई भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार वोट नहीं
जीतेगा। नतीजन,
मंदिरों, मस्जिदों, चर्चों और अन्य धार्मिक स्थलों को
राजनीतिक प्रचार या विज्ञापन के लिए इस्तेमाल करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
मतदाता को डराना-धमकाना, घूस देना, मतदान केंद्रों के 100 मीटर के दायरे में मतदान करना, चुनाव के 48 घंटे के भीतर जनसभा करना और मतदान परिसरों में आने-जाने
के लिए परिवहन की व्यवस्था करना प्रतिबंधित हैं।
रूलिंग पार्टी के पास सार्वजनिक स्थानों, हेलीपैड, या विमान पर रोक नहीं होगा; अन्य दलों के उम्मीदवार रूलिंग पार्टी के समान शर्तों के
तहत उनका उपयोग करने के हकदार होंगे।
कहीं भी बैठक आयोजित करने तक, राजनीतिक दलों या उम्मीदवारों को पहले स्थानीय पुलिस या
अन्य संबंधित प्राधिकरण से अनुमोदन (अप्रूवल) प्राप्त करना होगा, ताकि यातायात और अन्य उचित तैयारी की
जा सके।
मतदान के दिन और मतदान से 24 घंटे पहले तक मतदाताओं को बियर या अन्य पेय पदार्थ नहीं
परोसे जाने चाहिए।
चुनाव प्रचार के दौरान, रूलिंग पार्टी के मंत्रियों को सरकारी उपकरण जैसे सरकारी
कर्मचारी, कार या कार्यालय का उपयोग
करने की अनुमति नहीं है।
इन आचार संहिताओं के अलावा, कई अन्य आचार संहिताएं हैं जिनका पालन पार्टियों को
स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव प्राप्त करने के लिए किया जाना चाहिए।
18. भारत में वर्षा ऋतु की विशेषताओं का
वर्णन करें।
उत्तर:-भारत में वर्षा ऋतु की निम्नलिखित विशेषतायें है:-
(क) भारत में पवनविमुख ढालों, वृष्टि छाया क्षेत्रों और थार जैसे
मरुस्थली क्षेत्रों को छोड़कर शेष सभी स्थानों में पर्याप्त मानसूनी वर्षा होती
है।
(ख) इस ऋतु के आरंभ में
पश्चिमी घाटों की पवनाभिमुख ढालें भारी वर्षा प्राप्त करती हैं (अर्थात् 250 सेमी० से अधिक) । (ग) वृष्टि छाया
क्षेत्र, दक्कनी पठार और मध्य प्रदेश
के कुछ भागों में भी स्वल्प वर्षा होती है।
(घ) देश के उत्तर-पूर्वी भाग
में सर्वाधिक वर्षा होती है। जैसे मासिनराम में विश्व की सर्वाधिक वर्षा ।
(ङ) भारत का मानसून विराम
लेता है अर्थात् वर्षाहीन अवकाश के साथ रुकता है। वर्षा के स्थानिक वितरण का
अवधारण करने वाली मानसूनी द्रोणी के कारण ही ऐसा होता है।(च) उष्णकटिबंधीय दाब की
बारंबारता और गहनता / तीव्रता के कारण भी मानसूनी वर्षा की मात्रा और दिशा बदलती
है।
(छ) उत्तरी मैदानों के ऊपर
मानसूनी द्रोणी का बनना वहाँ अक्टूबर-नवम्बर मास में भारी वर्षा का कारण है जबकि
इस दौरान सामान्यता शीतकालीन शुष्क मौसम की दशाएँ बनती है
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